हालांकि खनन और उत्खनन क्षेत्र की वृद्धि दर थोड़ा बेहतर. 1 0.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि पिछले फाइनैंशल इयर में इसमें 0.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
3.
उदाहरण-खनन और उत्खनन का काम भारत में काफी प्राचीन काल से चलता आया है और देश भर के मंदिरों और स्मारकों में नाना प्रकार के पत्थरों का प्रचुर प्रयोग इसका प्रमाण है.
4.
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खनन और उत्खनन क्षेत्र की विकास दर 7. 7 प्रतिशत, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति क्षेत्र की विकास दर 7.3 प्रतिशत, संरचना क्षेत्र की विकास दर 11.1 प्रतिशत और वित्तीय सेवा क्षेत्र की विकास दर 10.6 प्रतिशत रही।
5.
वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार पूरे प्रदेश में मात्र 66 हजार 781 कोरकू जनजाति के लोग शेष बचे थे जिसमें 46. 42 प्रतिशत कार्यकर्ता हैं. इनमें से 48.38 प्रतिशत किसान हैं, 46.47 प्रतिशत कृषि, 2.30 प्रतिशत पशुओं, मछली पकडने के वानिकी, पालन, आदि शेष 2.85 प्रतिशत में लगे हुए हैं मजदूर हैं खनन और उत्खनन, घरेलू उद्योगों, निर्माण, व्यापार के रूप में विभिन्न अन्य व्यवसायों में लगे हुए हैं और वाणिज्य, आदि वे केवल 6.54 प्रतिशत की साक्षरता दर हासिल कर पाई हैं।